URL क्या है और कैसे काम करता है ..?
हेल्लो दोस्तों आज हम बात करेगे url के बारे में कि ये url क्या होता है इसका क्या इस्तेमाल होता है इसका कहा कहा पर इस्तेमाल होता है इसे क्यों और कब उपयोग में लिया जाता है इसे कैसे बताते है आज हम इस बारे में चर्चा करेगे| आपको ये नहीं पता होगा कि ये url काम कैसे करता है वैसे आपको url शब्द सुनने में ही अजीब सा लगा होगा तो आज आपकी सभी परेशानी दूर हो जाएगी url से सम्बंधित तो चलिए जानते है कि ये url क्या होता है और ये काम कैसे करता है|
URL क्या है (Whats is URL in Hindi)
url के बारे में जानने से पहले हम जान लेते है कि url का पूरा नाम क्या होता है url का Full form Uniform Resource Locator होता है यह एक Formatted text string होता है जिसे web browser,e-mail client या फिर किसी अन्य software में USe किया जाता है इसका इस्तेमाल मुख्यतः किसी resource को देखने के लिए किया जाता है जैसे कि किसी वेबसाइट या web page,Text Document,Graphics या कोई programs.
URl के तीन भाग होते है
1. Protocol Designation
2. Host Name or Address
3. File or Resource Location
इन सभी के लिए अलग अलग Special Characters का इस्तेमाल होता है.
जैसे कि Protocol :// Host / Location
हम इसे कुछ ऐसे समज सकते है जैसे मेरी वेबसाइट का नाम जो दिख रहा होगा वो होगा https://hindi-update.blogspot.com जिसमे से https यानि Protocol Designation होगा जो कि इंटरनेट से data transfer करने के काम आता है और दूसरा है Host Name or Address जो कि इस समय है Hindi-Update और लास्ट में होता है File or Resource Location जो कि हमारा (.com) है जिसका पूरा मतलब Commercial होता है|
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इस तरह के और भी website extention इंटरनेट पर उपलब्ध है और आपने इन्हें कई बार देखा भी होगा जैसे कि
- .gov –जो कि किसी सरकारी वेबसाइट के लिए होता है
- .org-यह किसी NGO या फिर किसी संसथान के लिए होता है
- .edu-इस को कोई school या फिर कोई कॉलेज वाले इस्तेमाल करते है
- .net-इसका मतलब होता है network
- .in-इसका मतलब india से है इंडियन वेबसाइट के लिए इसे इस्तेमाल करते है|
History of the URL:-
Uniform Resource Locatiors के बारे में सबसे पहले Tim Berners-Lee ने इसे इंटरनेट ही दुनिया में लाया उन्होंने ही इसका idea सबसे पहले दुनिया के सामने रखा था| या फिर हम कह सकते है कि Tim Berners-Lee को इसका जनक भी कह सकते है| उन्होंने कहा कि एक चीज़ लायी जाये जो सभी web page को एक Unique Location Address प्रदान कर सके जिससे उन्हें ऑनलाइन खोजने में आसानी हो सके HTML को बनाने के बाद Standard language को इस्तेमाल करके World Wide Web में बहुत सारे page बनाये गए और उसके बाद उसे hyperlink के साथ जोड़ा गया जिससे इंटरनेट दिन प्रतिदिन और तेज़ी से बड़ा होता गया|
URl कैसे काम करता है ...?
URl को कुछ इस प्रकार से बनाया गया है जिससे कि लोग उससे बहुत ही आसानी से याद रख सके लेकिन कंप्यूटर को सही वेबसाइट पहचान करने में information चाहिए जिससे कि वो बहुत आसानी से वेबसाइट का पता लगा सके परन्तु कंप्यूटर हमारी भाषा नहीं जनता इसके लिए हमारा Browser किसी भी web page को निकलने के लिए एक IP address का इस्तेमाल करता है जिसे internet protocol कहते है IP address numbers का एक सीरिज़ होता है| जो कि कुछ इस प्रकार दिखाई देता है-48.254.452.15
इंटरनेट पर हर एक वेबसाइट का एक Ip address होता है जब हम अपने browser में किसी वेबसाइट का url टाइप करते है तो हमारा browser उस url को DNS कि मदद से डोमेन के IP address में बदल देता है और उस वेबसाइट तक पहुच जाता है जो हमने सर्च कि थी| शुरुआत में किसी वेबसाइट को उसके IP के नाम से ही सर्च किया जाता था लेकिन यह तरीका बहुत ही कठिन था इतना लम्बा सीरियल no याद रखना बहुत मुश्किल था फिर बाद में इसे DNS (Domain Name System) कि मदद से हम वेबसाइट के नाम आसानी से याद रख सकते थे|
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अगर वेबसाइट का नाम उनके IP address से याद रखा जाता तो सोचो कैसा होता कितना मुश्किल होता google.com याद रखना जिसे हम 64.233.167.99 के नाम से सर्च करते| तो लगता है आज के वक़्त में जो इंटरनेट के चाहने वाले है वो नही होते और न ही इसे इतना अधिक इस्तेमाल किया जाता और न ही रोज़ नए नए कोई app बाज़ार में आते क्यूकि इतना बड़ा नाम लोग याद ही नहीं रख पाते|
Types Of URL :-
वैसे देखा जाये जाये तो url बहुत प्रकार के होते है जिनके बारे में हम यहाँ बताने वाले है-
- Messy
- Dynamic
- Static
- Obfuscated
- Messy:-
यह कुछ इस तरह के url होते है जिसमे बहुत सारे नंबर और letters का इस्तेमाल होता है जो कि किसी ऑर्गनाइजेशन से जुड़े होते है| For Example:-https://www.example.com/wngnid1964116854961 वैसे ये url कंप्यूटर द्वारा उत्पन होते है|
2.Dynamic:-
ये url भी वेसे ही आते है जेसे messy url आते है ये url data Base क्वेरी के end result होते है जो कि कंटेंट output provide करते है| इसका इस्तेमाल मुख्यतः Shopping,travelling website में होता है|
3.Static :-
ये बिलकुल ही विपरीत होते है किसी भी DYnamic url के| इस url को webpage HTML coding के साथ पूरी तरह से hard Wired कर दिया गया होता है| यह url कभी भी नहीं बदलता चाहे यूजर कोई भी रिक्वेस्ट कर रहा हो.
4.Obfuscated:-
ये बहुत ही खतरनाक url होते है जिसका इस्तेमाल hacker phishing Scam में करते है| जैसे कि इसके नाम से ही पता चलता है कि ये hidden होते है जिसका इस्तेमाल बड़ी चालाकी से लिया जाता है जिससे कि ये एक दम original लगे जब कोई user click करता है तो इन्हें Malicious Website के तरफ Redirect कर देता है|
url में Characters का इस्तेमाल क्यों नही होता
लगभग हम सभी लोग ये बात बहुत ही अच्छे से जानते है कि url में Space का इस्तेमाल नहीं होता लेकिन ये बात भी हमें पता होनी चाहिए कि RFC 1738 के मुताबिक url के स्ट्रिंग में केवल Alphanumeric Characters और Characters जैसे !,$,-,_,*,’,0 का भी इस्तेमाल होता है और किसी दुसरे characters का इस्तेमाल किया जाये तो उसे encode करना पड़ता है|
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